इसरो चीफ ने कहा- 2027 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4, 2028 में शुरू होगा भारतीय अंतरिक्ष का काम

नई दिल्‍ली: इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने नेशनल स्पेस डे (23 अगस्त) के मौके पर कहा कि भारत 2027 में चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग करेगा। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 का डिजाइन फाइनल हो चुका है। मिशन को सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है। चंद्रयान-4 चांद की सतह से 3-5 किलो मिट्टी और चट्टान के नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा। इस स्पेसक्राफ्ट में पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे।

जबकि, 2023 में चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल (इंजन), लैंडर और रोवर तीन मॉड्यूल थे। इसरो चीफ ने यह भी बताया कि इंडियन स्पेस स्टेशन का पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्‍च किया जाएगा, जिसमें केवल रोबोट्स भेजे जाएंगे। इस स्टेशन में कुल पांच मॉड्यूल बारी-बारी से अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।

चंद्रयान-4 के 2 मॉड्यूल चांद की सतह पर जाएंगे

चंद्रयान-4 मिशन कई स्टेज में पूरा होगा। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद मुख्य स्पेसक्राफ्ट से 2 मॉड्यूल अलग होकर सतह पर लैंड करेंगे। दोनों ही मॉड्यूल चांद की सतह से नमूने इकट्ठा करेंगे। फिर एक मॉड्यूल चांद की सतह से लॉन्च होगा और चांद की कक्षा में मुख्य स्पेसक्राफ्ट से जुड़ जाएगा। नमूनों को धरती पर वापस आने वाले स्पेसक्राफ्ट में ट्रांसफर करके भेजा जाएगा।

इसरो के वैज्ञानिक चांद की सतह से ‎नमूने उठाने वाला रोबोट तैयार कर रहे हैं। गहराई तक ‎ड्रिल करने तकनीक पर काम हो रहा है। नमूने इकट्‌ठा करने के लिए कंटेनर और डॉकिंग मैकेनिज्म‎ की तकनीक विकसित की जा रही है।

ISRO विदेशी वैज्ञानिकों को गिफ्ट में दे रहा ​​विक्रम लैंडर मिनिएचर

ISRO ने विक्रम लैंडर के‎ 1200 मिनिएचर मॉडल बनवाए हैं। ये‎ मॉडल भारत आने वाले‎ वैज्ञानिक और स्पेशल गेस्ट को गिफ्ट में दिया जा रहा है। गुजरात के वडोदरा के इंटरप्रेन्योर धवल और आदित्य डामर ने लकड़ी के ये मॉडल‎ तैयार किए है। इसमें 140 स्पेयर पार्ट्स हैं, जिन्हें असेंबल करने में ढाई ‎घंटे का वक्त लगता है। आदित्य ‎डामर ने बताया कि उन्होंने विक्रम लैंडर के‎ साथ प्रज्ञान रोवर भी तैयार किया है।‎