नारी शक्ति वंदन कानून की सफलता के लिए छात्राओं का शिक्षित होना बेहद जरूरी: स्वाती सिंह

पीरियड्स को लेकर शर्मिंदगी छोड़ें छात्राएं, बन सकती है सर्वाइकल कैंसर की वजह

लखनऊ: देश के नवनिर्माण में आधी आबादी की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाए गए नारी शक्ति वंदन कानून और महिला स्वास्थ्य-स्वच्छता के प्र​ति जागरूकता को लेकर ‘स्वाती फाउण्डेशन’ ने सोमवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज विकास नगर में विद्यार्थियों से संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि आधी आबादी को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ धरातल पर उतारने के लिए बच्चियों का शिक्षित होना बेहद जरूरी है।

इस दौरान स्वाती सिंह ने शुगर कॉस्मेटिक की सीईओ विनीता सिंह सहित आज के दौर की कामयाब महिलाओं का जिक्र करते हुए छात्राओं से उनके जैसी ऊंची उड़ान भरने के लिए हौसला और जज्बा रखने की बात कही। उन्होंने इंदिरा गांधी, गायत्री देवी, सुषमा स्वराज, किरन बेदी, स्मृति इरानी, कल्पना चावला आदि का भी जिक्र किया।

साढ़े 7 हजार सांसदों में करीब 650 महिलाएं

स्वाती सिंह ने कहा कि संसद में अभी तक साढ़े सात हजार सांसदों में करीब 650 महिलाएं ही पहुंच पाई हैं। दुर्भाग्य से हमारा समाज और विशेष रूप से राजनीतिक दल स्वाभाविक रूप से पितृ सत्तात्मक व्यवस्था की ओर झुकते हैं। इसी सोच को बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधी आबादी के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में नारी शक्ति वंदन कानून को लाने का काम किया है। इसकी बदौलत महिलाओं से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को प्रभावी तरीके से सामने लाने में मदद मिलेगी।

नारी शक्ति वंदन कानून की सफलता के लिए छात्राओं का शिक्षित होना बेहद जरूरी: स्वाती सिंह

पूर्व मंत्री ने कहा कि नारी शक्ति वंदन कानून मोदी सरकार की नीति, नीयत और निष्ठा का प्रतीक है। यह मातृशक्ति को एक रचनात्मक भूमिका प्रदान करेगा। यह नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उ‌द्घोष है। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में नारी शक्ति वंदन कानून लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने की भाजपा की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मोदी सरकार में मिल रहा सम्‍मान और समर्थन

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को सम्मान और समर्थन मिल रहा है, जिसकी वे वास्तविक हकदार है। उन्होंने महिलाओं को उज्ज्वला योजना के जरिए जहां धुएं से निजात दिलाई, वहीं तीन तलाक की बेड़ियों को तोड़ने का अभूतपूर्व काम किया। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में इस प्रभावी कदम के जरिए निश्चित ही हमारे लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी तथा महिलाएं पूरे दमखम के साथ देशवासियों की आवाज लोकतंत्र के मंदिरों में प्रखरता से बुलंद करेंगी।

इस दौरान छात्राओं को माहवारी को लेकर जागरूक किया गया। उन्हें समझाया गया कि पीरियड्स के दौरान शर्मिंदा होने जैसी कोई बात नहीं है। इसमें छिपाने जैसा कुछ नहीं है। इस दौरान लापरवाही बरतना सर्वाइकल कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। बच्चियों को घर पर माता पिता और भाई से भी बात करने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान सेनेटरी पैड वितरित किए गए। इस अवसर पर प्रधानाचार्य अमिता सिंह, अनु गंगवार, ममता निगम, दीपा साहू आदि महिला शिक्षक शामिल रहीं।