Varanasi Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर अब तक 24 सीटो पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया है। जिसमे सबसे ज्यादा चर्चा वाराणसी लोकसभा सीट को लेकर है। वाराणसी लोकसभा सीट पर देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रत्याशी घोषित किया है।
12 अप्रैल को महाराष्ट्र से वाराणसी पहुंचेंगी
किन्नर और बेटियों की आवाज को देश में बुलंद करने के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली हिमांगी सखी 12 अप्रैल को महाराष्ट्र से वाराणसी पहुंचेंगी। वाराणसी में लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने पर वह बाबा श्री काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर चुनावी शंखनाद करेंगी। वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में है। जबकि इंडी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वही अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमंगी सखी को प्रत्याशी बनाकर चर्चा में आ गया है।
मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदिशंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने पशुपति पीठ की तरफ से महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की थी। हिमांगी देश में किन्नरों और बेटियों की आवाज को हमेशा से उठाती रही है। विगत महीनों पहले वह ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी केस के दौरान ज्ञानवापी में गंगा जल लेकर निकाली थी। हालांकि पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से ज्ञानवापी परिसर में हिमांगी सखी को प्रवेश नही दिया था और उन्हे गेट नंबर 4 पर रोक दिया गया था।
बीजेपी पर किन्नरों के अनदेखी किए जाने का आरोप
अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से वाराणसी लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने बीजेपी पर किन्नरों के अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है। टेलीफोनिक वार्ता में हिमांगी सखी ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर कहा कि “देश के राजा ने हम किन्नरो पर ध्यान नहीं दिया इसलिए चुनाव लड़ने को पार्टी बोली तब मैंने चुनाव लड़ने की तैयारी किया है।
चुनाव में हम सभी किन्नरों के लिए भी कम से कम एक सीट आरक्षित होना चाहिए ताकि हम सभी अपनी आवाज़ उठा सके। हम लोगो के बारे मे कोई नहीं सोचता तो हमने खुद फैसला किया की हम खुद अपना कदम आगे बढ़ाये।” गौरतलब है, कि वाराणसी लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है। जबकि लोकसभा चुनावों का परिणाम 4 जून को आना है।