बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर मोहन भागवत ने दी पहली प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: आज भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. चारो ओर हर्षोल्लास दिखाई दे रहा है और लोग देश भक्ति के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है. इसी के साथ ही पहली बार बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की फिक्र केंद्र सरकार को करना चाहिए. सरकार ऐसा करेगी भी, लेकिन उसके लिए समाज को भी सरकार के पीछे खड़े रहना होगा.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं. देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बाते जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई. हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता पाई वो पीढ़ी तो चली गई लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि “पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहे हैं वहां रहने वाले हिंदू बंधुओं को बिना कारण ही उसकी गर्मी झेलनी पड़ रही है. भारतवर्ष ऐसा है कि इसका दायित्व है कि स्व की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता तो है ही लेकिन भारतवर्ष की परंपरा ये भी रही है भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है. पिछले वर्ष आपने देखा होगा कि हमने किसी पर हमला नहीं किया. जब-जब जो सकंट में था हमने उसकी मदद की. ये हमारा देश है.”

केंद्र सरकार को करनी चाहिए बांग्लादेश के हिंदुओं की फिक्र

मोहन भागवत ने कहा कि ‘बांग्लादेश में हिंदुओं की फिक्र केंद्र सरकार को करना चाहिए. सरकार ऐसा करेगी भी, लेकिन उसके लिए समाज को भी सरकार के पीछे खड़े रहना होगा. मालूम हो कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद वहां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही देश छोड़ दिया और वह अब भारत में सुरक्षित स्थान पर हैं. तो वहीं उनके बांग्लादेश से निकलते ही हिंदुओं और मंदिरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया गया था. हिंदुओं के मकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं. हिंदुओं पर हुए हमलों और मंदिरों में तोड़फोड़ के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने माफी मांगी है. इसी के साथ ही सरकार ने ये भी कहा है कि सरकार पीड़ितों की आर्थिक मदद करेगी और टूटे मंदिरों का निर्माण कराएगी.