अपरंपार है नैमिषारण्य की महिमा, नैमिष क्षेत्र में जुड़ने जा रही नई कड़ी और नई मणि: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने श्री श्री जगदंबा राज राजेश्वरी मंदिर की स्थापना-प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव व नूतन देवालय के चितशक्ति द्वार का किया उद्घाटन

लखनऊ: नैमिषारण्य की महिमा अपरंपार है। सभी धार्मिक ग्रंथों ने इस पावन तीर्थ की महिमा का गान किया है। तीरथ वर नैमिष विख्याता, अति पुनीत साधक सिद्धि गाथा… संत तुलसीदास ने सबसे विख्यात ग्रंथ रामचरित मानस में भी नैमिषारण्य की महिमा का ज्ञान किया है। भगवान वेदव्यास के सानिध्य में हजारों ऋषियों ने यहां साधना की थी। 88 हजार ऋषियों ने इस क्षेत्र में साधना कर भारत की ज्ञान-विज्ञान की धरोहर को वैदिक ज्ञान के रूप में लिपिबद्ध कर विरासत के रूप में दिया था।

देवासुर संग्राम में महर्षि दधीचि ने यहीं अस्थि दान किया था। सती के जिह्वा का भाग ललिता देवी के रूप में इसी स्थल पर गिरा था। शक्तिपीठ मां ललिता देवी का पावन धाम व चक्रतीर्थ यहीं पर है। इस कड़ी को जोड़ते हुए संत सनमुखानंद पुरी जी महराज ने राजराजेश्वरी मंदिर व आश्रम की स्थापना कर नई ऊंचाइयां प्रदान करने का कार्य किया है।

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। सीएम ने श्री श्री जगदंबा राज राजेश्वरी मंदिर की स्थापना- प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव व नूतन देवालय के चितशक्ति द्वार का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पूजन-अर्चन भी किया। सीएम ने कहा कि देश, समाज व लोक की व्यवस्था को लोककल्याण के पथ पर उन्मुख करने के लिए जिस देवी का अनुष्ठान करते हैं, वह जगदंबा राजराजेश्वरी है। जो सबको नियंत्रित कर सन्मार्ग पर ले चलने की प्रेरणा प्रदान करती है। नैमिष तीर्थ के महात्म्य को ध्यान में रखकर सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इसे तीर्थ के रूप में विकसित करने की कार्रवाई चल रही है।

विश्व मानवता को बचाना होगा तो सनातन धर्म को बचाना होगा

सीएम योगी ने कहा कि धार्मिक आयोजन सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। शास्त्र कहता है कि धर्म से हीन व्यक्ति व पशु में अंतर नहीं है। धर्म केवल उपासना विधि नहीं है। धर्म अच्छे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। धर्म शाश्वत व्यवस्था है, जिसके माध्यम से हम लोग अनुशासन, कर्तव्य व सदाचार का पाठ पढ़ते हैं। इनसे जुड़े नैतिक मूल्य का समन्वय ही वास्तव में धर्म है। पंथ-संप्रदाय, उपासना विधियां आएंगी-जाएंगी, लेकिन धर्म हमेशा शाश्वत रहता है।

उन्‍होंने कहा कि सनातन धर्म इस सृष्टि व मानवता का धर्म है। जब तक सनातन धर्म है, विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा। सनातन धर्म पर खतरा आएगा तो विश्व मानवता पर खतरा आएगा। सनातन धर्म का मूल यज्ञ है। यह ऋषि-मुनियों की साधना है। संत सनमुखानंद पुरी जी महराज ने नर्मदा नदी के तट पर कई वर्षों तक साधना की। उस साधना का प्रसाद सिद्धि के रूप में राजराजेश्वरी आश्रम व मंदिर के रूप में देखने को मिल रहा है। नैमिष क्षेत्र में नई कड़ी और नई मणि जुड़ने जा रही है।

भारतवासियों के संयम का परिचय, दुनिया के लिए अनोखा उदाहरण  

सीएम योगी ने कहा कि भारत की विरासत को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में प्रारंभ हुए कार्य अद्भुत हैं। काशी में काशी विश्वनाथ को भव्य स्वरूप दिया गया है। महाकाल में महालोक का भव्य स्वरूप देखने को मिलेगा। केदारपुरी व बद्रीनाथ धाम में पुनरुद्धार का कार्य चल रहा है। अयोध्या में पांच सदी के बाद कोटि-कोटि सनातन धर्मावलंबियों की आस्था को संबल प्रदान हुआ है। भगवान राम की मर्यादा का पालन करते हुए न्यायालय के फैसले का पालन करते हुए भारतवासियों ने जिस संयम का परिचय दिया, वह दुनिया के लिए अनोखा उदाहरण है।

उन्‍होंने कहा कि दर्जनों पीढ़ियां, जिनके मन में अभिलाषा थी कि हम भी रामलला को विराजमान होता देखेंगे, अधूरी आशा के साथ वे साकेत धाम में चले गए। हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है, जिसने रामलला को अयोध्या धाम में फिर से विराजमान होते देखा है। हम भी धार्मिक आयोजनों के साथ समाज निर्माण, लोक कल्याण के लिए कार्य करें। सरकार व समाज मिलकर आगे बढ़ते हैं तो विकास कई गुना तेज हो जाता है।

इनकी रही मौजूदगी

मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने भी विचार रखे। इस दौरान संत स्वामी सनमुखानंद पुरी महराज, अयोध्या से आए जगदगुरु रामानुजाचार्य सुग्रीव किलाधीश विश्वेश प्रपन्नाचार्य जी, कामदगिरी पीठाधीश्वर रामस्वरूपाचार्य जी महाराज, नरसिंह पीठाधीश्वर नरसिंह दास जी, स्वामी विद्या चैतन्य जी महराज, सांसद अशोक रावत, विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान, विधायक रामकृष्ण भार्गव, मनीष रावत, निर्मल कुमार वर्मा, ज्ञान तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रद्धा सागर, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।