नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस बार लोकसभा के लिए चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए विशेष तैयारी की है। जिला स्तर पर नौ टीमें चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खर्च का हिसाब-किताब देखेंगी।
इन टीमों के साथ केंद्र एवं राज्यों की 25 एजेंसियों को लगाया गया है। अगर कहीं पर छापा मारने या धरपकड़ करने की नौबत आती है, तो ईडी, बीएसएफ, लोकल पुलिस, आयकर विभाग, आईटीबीपी व डीआरआई सहित दो दर्जन एजेंसियां, अविलंब मौके पर पहुंचेंगी। इन 25 एजेंसियों में से कोई न कोई बल या प्रवर्तन विंग चुनावी क्षेत्र में मौजूद रहेंगे।
आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने के निर्देश
16 मार्च को लोकसभा और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। इसके साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता के प्रावधान लागू हो गए हैं। लोकसभा चुनाव, चुनाव सात चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी चरण का मतदान, एक जून को होगा। चार जून को वोटों की गिनती की जाएगी। चुनाव आयोग ने केंद्र एवं राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी है कि वे सख्ती से आचार संहिता का पालन कराना सुनिश्चित करें।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी खर्च को लेकर कहा था कि कुछ पार्टियां डमी कैंडिडेट खड़े करती हैं। इसके जरिए वे चुनाव में तय खर्च की सीमा से ज्यादा राशि का इस्तेमाल करते हैं। डमी कैंडिडेट के नाम पर संसाधनों, वाहनों व दूसरी सामग्री का इस्तेमाल, वे अपने मुख्य उम्मीदवार के लिए करते हैं। इस बार चुनाव आयोग ने प्रभावी तरीके से ऐसे खर्च पर नकेल कसने की योजना बनाई है।
इन विभागों पर विशेष
उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने व्यापक निर्देश जारी किए हैं। एक सीट के लिए व्यय पर्यवेक्षक, सहायक व्यय पर्यवेक्षक, फ्लाइंग स्क्वाड (एफएस), स्टेटिक निगरानी टीम (एसएसटी), वीडियो निगरानी टीम (वीएसटी), वीडियो देखने वाली टीम (वीवीटी), लेखा टीम (एटी), मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) और जिला व्यय निगरानी समिति (डीईएमसी) का गठन किया गया है। इनके साथ विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य की प्रवर्तन एजेंसियों की भागीदारी रहेगी।
इनमें राज्य पुलिस विभाग, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग, आयकर विभाग, एफआईयू-आईएनडी, सीबीआईसी, डीआरआई, सीजीएसटी, एसजीएसटी, राज्य वाणिज्यिक विभाग, ईडी, एनसीबी, सीआईएसएफ, आरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, असम, राइफल्स, आईसीजी, डाक विभाग, बीसीएएस, एएआई, आरबीआई, एसएलबीसी और राज्य वन विभाग शामिल हैं।