लखनऊ: उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं लेकिन, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन गई है. इस सीटो के लेकर बीजेपी कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे जिताने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है. यही नहीं इस सीट पर चार दिग्गज मंत्रियों को भी उतारा दिया है.
मिल्कीपुर सीट जीतने के लिए सीएम खुद भी पसीना बहा रहा हैं. पिछले कुछ दिनों में वो तीन बार अयोध्या जा चुके हैं. इस सीट को अपने पाले में करने के लिए चार खास मंत्रियों को भी चुनाव जिताने का काम दिया है. इन चार मंत्रियों में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, खाद्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह का नाम शामिल हैं.
योगी के चार मंत्रियों के लिए भी चुनौती
योगी सरकार के ये चारों मंत्री अयोध्या जनपद के आसपास से ही है. सीएम योगी के साथ ये सीट इन चारों मंत्रियों के लिए भी अग्निपरीक्षा बन गई है. भारतीय जनता पार्टी मिल्कीपुर सीट जीतकर समाजवादी पार्टी से अयोध्या जिले वाली फैजाबाद सीट पर मिली हार की टीस का बदला लेना चाहती है. ऐसे में पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
मिल्कीपुर सीट सपा विधायक अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद ख़ाली हुई है. बीजेपी की कसक ये हैं कि जिस अयोध्या नगरी के नाम पर देशभर में बीजेपी ने वोट मांगे. यहां रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट बनाए, विकास की नई कहानी लिखने की कोशिश की उसी सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया. बीजेपी ने अब मिल्कीपुर सीट को पार्टी की प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है. बीजेपी ये संदेश देना चाहती है कि रामनगरी में अब भी पार्टी की जड़ें मजबूत हैं.
सीएम योगी द्वारा इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के बाद उनके चारों मंत्रियों के लिए भी ये बड़ी चुनौती बन गई है. अगर बीजेपी मिल्कीपुर में जीत का परचम फहरा पाती है तो इसका श्रेय सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इन चारों मंत्रियों को भी मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी कमर कस ली है. सपा ने इस सीट पर बीजेपी को चित करने वाले अवधेश प्रसाद को प्रभारी बनाया है. चर्चा है कि सपा यहां से उनके बेटे को चुनाव में उतार सकती है.