अग्रसर भारत के विकास में योगदान दें युवा: आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल की अध्यक्षता में यूपी राजर्षि टण्डन मुक्त विवि का 18वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

अग्रसर भारत के विकास में योगदान दें युवा: आनंदीबेन पटेल
अग्रसर भारत के विकास में योगदान दें युवा: आनंदीबेन पटेल

लखनऊ: प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 1वां दीक्षान्त समारोह संपन्न हुआ। दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने कुल 20734 विद्यार्थियों को उपाधि दी, जिसमें 12640 छात्रों ने तथा 8094 छात्राओं ने उपाधि प्राप्त की। मेधावी विद्यार्थियों को 26 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिसमें 09 स्वर्ण पदक छात्रों ने तथा 17 स्वर्ण पदक छात्राओं ने हासिल किए। समारोह में कुलाधिपति पदक के अतिरिक्त 07 विश्वविद्यालय स्वर्ण तथा 11 दानदाता स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज का हुआ उद्घाटन

कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षान्त समारोह में मुक्त विश्वविद्यालय में मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (मूक्स) का उद्घाटन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट शिक्षकों को भी सम्मानित किया। दीक्षान्त समारोह के अवसर पर राज्यपाल ने बौद्धिक दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य का अवलोकन कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित करने हेतु किट वितरण तथा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे भारत स्काउट एण्ड गाइड, प्राथमिक विद्यालय से आए बच्चों तथा दिव्यांग बच्चों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री प्रदान की।

अग्रसर भारत के विकास में योगदान दें युवा: आनंदीबेन पटेल
अग्रसर भारत के विकास में योगदान दें युवा: आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल ने की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सराहना

इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली की लचीली व्यवस्था में कई कारणों से मुख्य धारा में शिक्षा प्राप्त कर सकने में असमर्थ विद्यार्थी भी अपनी शिक्षा पूर्ण कर विकास कर सके हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सराहना भी की।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ एक महत्वपूर्ण कदम

उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने विश्व में भारत के बढ़ते सम्मान, देश की आजादी के अमृत काल में भारतीय एकता को सुदृढ़ करने वाले विविध कर्यक्रमों, वैश्विक परिदृश्य में विश्व गुरू के रूप में प्रबल होती भारत की छवि की चर्चा की। उन्होंने आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत की चर्चा करते हुए हाल ही में प्रारम्भ हुई ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना‘ का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि यह योजना भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत और स्वाबलंबी बनाने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे युवाओं को उनके व्यावसायिक सपनों का पूरा करने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी।

राज्यपाल ने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर युवाओं को कौशल विकास करके दक्षता हासिल करने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।