गुवाहाटी: असम में 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की प्रमुख बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने पहुंचे पीएम मोदी ने रविवार को ब्रह्मपुत्र नदी पर कुरुवा-नरेंगी पुल की आधारशिला रखी. इससे क्षेत्र के संपर्क में सुधार होगा और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया और कहा, “मां कामाख्या के आशीर्वाद से ऑपरेशन सिंदूर बहुत बड़ी सफलता थी. आज मां कामाख्या की इस धरती पर आकर मुझे एक अलग ही पवित्र अनुभूति हो रही है और ये भी सोने पे सुहागा है कि आज इस क्षेत्र में जन्माष्टमी मनाई जा रही है. लाल किले से मैंने कहा था, मुझे चक्रधारी मोहन याद आए. मुझे श्री कृष्ण याद आए और मैंने भविष्य की सुरक्षा नीति में एक सुदर्शन चक्र का विचार लोगों के सामने रखा है.”
कांग्रेस पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पहले ही भारत रत्न सुधाकंठा भूपेन हजारिका जी का जन्मदिन मना चुके हैं. कल मुझे उनके सम्मान में आयोजित एक बहुत बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला. मुख्यमंत्री ने मुझे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का एक वीडियो दिखाया, और इसे देखकर मुझे बहुत दुख हुआ, जिस दिन भारत सरकार ने इस देश के महान सपूत, असम के गौरव, भूपेन हजारिका जी को भारत रत्न दिया. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने कहा था कि मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहे हैं. 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद पंडित नेहरू ने जो कहा वह उत्तर पूर्व के लोगों के घाव आज भी भरे नहीं हैं.
‘भूपेन दा का अपमान क्यों किया?’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जब नामदार कामदार को पीटता है और कामदार दर्द से रोता है, तो उसे और भी प्रताड़ित किया जाता है और कहा जाता है कि तुम्हें रोने का भी अधिकार नहीं है. नामदार के सामने कामदार होकर कैसे रो सकते हो?… देश की जनता, संगीत प्रेमी, कला प्रेमी, भारत की आत्मा के लिए अपना जीवन देने वाले लोगों को कांग्रेस से पूछना चाहिए कि उन्होंने भूपेन दा का अपमान क्यों किया?”
मैं भगवान शिव का भक्त हूं
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे कितनी ही गालियां दे, मैं भगवान शिव का भक्त हूं, सारा जहर निकाल लेता हूं… लेकिन जब किसी और का अपमान होता है, तो मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता. आप लोग मुझे बताएं, भूपेन दा को भारत रत्न से सम्मानित करने का मेरा फैसला सही है या गलत? क्या कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने पर किया गया अपमान सही है या गलत?…”