बरेली: 19 सितंबर को नई संसद भवन में संविधान की जो प्रतियां बांटी गई उसमें समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द को हटा दिया गया है। इसको लेकर जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया और संविधान सुरक्षा की मांग की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के आवाहन पर जिला कांग्रेस कमेटी ने जिलाध्यक्ष कमर गनी ने ज्ञापन देते हुए बताया कि नई संसद भवन सेंट्रल विस्टा में 19 सितंबर को संविधान की प्रतियों को बांटा था, जिसमें समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द को हटा दिया गया। इससे पहले भी 2008 में कोलकाता के एनजीओ ने समाजवादी शब्द हटाने की जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी जिसको कोर्ट ने खारिज करते हुए समाजवाद का अर्थ नागरिकों के लिए कल्याणकारी उपाय बताया था। वर्ष 2021 में बीजेपी सांसद ने प्राइवेट मेंबर बिल लाकर प्रस्तावना से समाजवादी शब्द हटाया था। वहीं साल 2020 में बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने भी ऐसी ही मांग करते हुए राज्यसभा में एक प्रस्ताव पास किया पेश किया था। जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा द्वारा समाजवाद शब्द को हटाया जा रहा है और उन्होंने समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द को पुनः स्थापित करने की मांग की है और संविधान की सुरक्षा की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान कमर गनी जिलाध्यक्ष, गुड्डू, मैदान शाह, शरीफ खान, वसीउद्दीन, चौधरी असलम मिया, शफ्फाक खान, मोहम्मद दानिश खान, मोहसिन आदि मौजूद रहे।