अयोध्‍या केस में अखिलेश यादव ने कहा- स्‍वत: संज्ञान ने अदालत, पीड़िता की सुरक्षा जरूरी

अयोध्‍या: अयोध्या जिले के भदरसा में 12 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म केस को लेकर छिड़े सियासी घमासान के बीच रविवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए एक बड़ी मांग रखी है। उन्‍होंने कहा कि बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है।

सपा सुप्रीमो ने कहा कि माननीय न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।

डीएनए टेस्ट की मांग

इससे पहले शनिवार को अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या के भदरसा मामले में बिना डीएनए टेस्ट के भाजपा का आरोप दुराग्रह पूर्ण माना जाएगा। कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है। उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए। न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हैं। उन्हें कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए। लेकिन, अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों। तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

उन्होंने मांग की है कि सरकार पीड़ित परिवार को तत्काल 20 लाख रुपये की सहायता प्रदान करे। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। हर दिन हत्या, लूट, दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। भाजपा सरकार घटनाओं को रोकने में विफल है। भाजपा सरकार असली अपराधियों को बचाती रही है। सत्ता के संरक्षण में भाजपा समर्थक भी तमाम अपराधों में संलिप्त पाए गए हैं। वैसे भी अपराधियों में भाजपा सरकार का खौफ नहीं रह गया है। वे भाजपा नेता की बेटी का अपहरण करने से भी नहीं डर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरी के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। निकम्मी भाजपा सरकार से लोग ऊब गए हैं।