नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने शनिवार को 10 साल तक मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट INSAT-3DS को लॉन्च कर दिया है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5:35 बजे लॉन्च किया गया। सैटेलाइट की लॉन्चिंग GSLV F14 रॉकेट से हुई।
ये 19 मिनट 13 सेकेंड में 37000 किलोमीटर ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) यानी पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में पहुंचा। 1 जनवरी, 2024 को PSLV-C58/EXPOSAT मिशन की लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। यह INSAT-3D सीरीज की 7वीं उड़ान है। इस सीरीज का आखिरी सैटेलाइट INSAT-3DR 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार, 10 नवंबर, 2023 से INSAT-3DS के वाइब्रेशन टेस्ट शुरू हो गए थे। यह 6-चैनल इमेजर और 19-चैनल साउंडर के जरिए मौसम से जुड़ी जानकारी देगा। साथ ही सर्च और रेस्क्यू के लिए जमीनी डेटा और मैसेज रिले करेगा।
क्या करेगा INSAT-3DS ?
2274 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट एक बार चालू होने के बाद अर्थ साइंस, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (एनआईओटी), मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय केंद्र के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा। 51.7 मीटर लंबा रॉकेट इमेजर पेलोड, साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर ले जाएगा। जिनका उपयोग बादल, कोहरे, वर्षा, बर्फ और उसकी गहराई, आग, धुआं, भूमि और समंदरों पर स्टडी के लिए किया जाएगा।