नई दिल्ली: भारतीय निशानेबाज मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने 2024 पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया. पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर पीएम मोदी ने सरबजोत से फोन पर बात कर उन्हें बधाई दी.
पीएम ने सरबजोत से फोन पर की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने सरबजोत के साथ फोन पर बात करते हुए कहा, सरबजोत आपको बहुत-बहुत बधाई. आपने देश का नाम रोशन किया है और मान भी बढ़ाया है. आपकी मेहनत रंग लाई है. मनु को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई. व्यक्तिगत वर्ग में आप थोड़े से अंतर से रह गए थे, लेकिन आपने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.
16-10 के निर्णायक अंतर से जीत दर्ज की
बता दें कि मुकाबले की शुरुआत भारतीय जोड़ी के बैकफुट पर होने के साथ हुई और वह पहली सीरीज हार गई. हालांकि, भाकर और सरबजोत सिंह ने असाधारण कौशल और टीम वर्क का प्रदर्शन करते हुए जल्दी ही अपनी स्थिति वापस पा ली. उन्होंने तीसरी सीरीज़ में 4-2 से बढ़त बनाते हुए नियंत्रण हासिल कर लिया और पांच सीरीज़ के बाद अपनी बढ़त को 8-2 तक बढ़ा दिया. दक्षिण कोरिया ने वापसी की कोशिश की और आठवीं सीरीज़ तक अंतर को 6-10 तक कम कर दिया, लेकिन भाकर और सिंह डटे रहे. भारतीय निशानेबाजों ने 16-10 के निर्णायक अंतर से जीत दर्ज की और भारत के लिए खेलों का दूसरा पदक हासिल किया.
मैच के बाद, उत्साहित भाकर ने अपना आभार व्यक्त करते हुए प्रसारकों से कहा, “मुझे वास्तव में गर्व महसूस हो रहा है और मैं बहुत आभारी हूं. सभी के आशीर्वाद और प्यार के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. हम केवल वही नियंत्रित कर सकते हैं जो हमारे हाथ में है. मैंने यहां आने से पहले अपने पिता से इस बारे में बात की और फैसला किया कि हमें आखिरी दम तक लड़ते रहना चाहिए. ”
सरबजोत सिंह ने अपने पहले ओलंपिक पदक का जश्न मनाते हुए उनकी भावनाओं को दोहराया. उन्होंने उस समर्थन को स्वीकार करते हुए, जिसने उन्हें प्रेरित किया, कहा,”यह बहुत अच्छा लगता है. खेल कठिन था, लेकिन हमें खुशी है कि हम ऐसा कर सके. बहुत दबाव था, लेकिन भीड़ बहुत अच्छी थी.” यह जोड़ी क्वालीफाइंग राउंड में 580 के संयुक्त स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहने के बाद कांस्य पदक मैच में उतरी थी.
यह कांस्य भाकर के लिए एक ऐतिहासिक व्यक्तिगत उपलब्धि है, जो एक ही ओलंपिक खेलों में कई पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. उन्होंने इससे पहले पेरिस में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत का पदक खाता खोला था.