नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार का शोर थमते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (30 मई) शाम कन्याकुमारी पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर (कन्याकुमारी मंदिर) में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद विवेकानंद शिला जाकर वहां 1 जून तक ध्यान शुरू किया। प्रधानमंत्री 45 घंटे तक ध्यान में रहेंगे।
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। कांग्रेस ने 29 मई को आरोप लगाया था कि पीएम की ध्यान यात्रा आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मोदी के ध्यान को मीडिया में प्रसारित नहीं होने दिया जाए।
ऐसे लगता है चुनावी कानून का नियम
जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का उल्लेख है। मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले मौन अवधि शुरू हो जाती है। लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज के लिए मौन अवधि गुरुवार (30 मई) शाम 6 बजे शुरू हुई। इस फेज में मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी वोटिंग होगी। जानकारों के अनुसार, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है। चुनाव आयोग ने इसी तरह की अनुमति 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम को दी थी।
मोदी रिटायरमेंट पर विचार करने गए हैं: जयराम रमेश
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं और दो दिनों के लिए ध्यानमग्न रहेंगे। राहुल गांधी ने यहीं से 7 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। मुझे यकीन है कि वह (मोदी) इस बात पर ध्यान दे रहे होंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन कैसा होगा।