लखनऊ: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच के लिए गठित जांच आयोग ने ‘पूर्व नियोजित साजिश’ या ‘लापरवाही’ की संभावना को खारिज करते हुए पुलिस को क्लीनचिट दे दी है. जस्टिस दिलीप बी. भोसले (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश की गई.
साथ ही उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों, जिनमें अतीक अहमद का बेटा असद भी शामिल है, की तीन पुलिस एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस राजीव लोचन मेहरोत्रा (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले दो सदस्यीय आयोग की एक अलग रिपोर्ट भी विधानसभा में पेश की गई, जिसमें कहा गया कि पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी ‘आत्मरक्षा’ में किया गया काम था.
राजू और उमेश पाल हत्याकांड
बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की फरवरी 2023 में प्रयागराज में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद अतीक और अशरफ की तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब उन्हें 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था.
रिपोर्ट में क्या कहा गया
भोसले आयोग की रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि ‘यह नहीं कहा जा सकता कि अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल तक दो बार ले जाने और नैनी जेल से अदालत और फिर अदालत से जेल वगैरह ले जाने के दौरान पुलिस की लापरवाही रही.’ रिपोर्ट में आगे लिखा गया है, ‘15 अप्रैल, 2023 की घटना, जिसमें थाना शाहगंज, प्रयागराज के अंतर्गत उमेश पाल हत्याकांड के संबंध में पुलिस कस्टडी रिमांड पर चल रहे अभियुक्त अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई, को राज्य पुलिस द्वारा अंजाम दी गई पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम नहीं कहा जा सकता है.’ अतीक अहमद और अशरफ, जो पहले से ही गुजरात की साबरमती जेल और बरेली जिला जेल में बंद थे, को पुलिस उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में प्रयागराज लेकर आई थी.
तीन पुलिस एनकाउंटर
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर की जांच के लिए जस्टिस मेहरोत्रा (सेवानिवृत्त) आयोग का गठन किया गया था. 27 फरवरी 2023 को प्रयागराज के नेहरू पार्क में अरबाज, 6 मार्च 2023 को प्रयागराज के कौंधियाडा इलाके में विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान और 13 अप्रैल 2023 को झांसी में अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद असद खान और मोहम्मद गुलाम की पुलिस एनकाउंटर के दौरान मौत हो गई थी. आयोग ने कहा, ‘सभी मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों को देखने के बाद आयोग इस बात से संतुष्ट है कि उपरोक्त तीनों मामलों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में आरोपियों ने गोलीबारी शुरू की थी. पुलिस ने उन्हें आत्मसमर्पण करने का पर्याप्त अवसर दिया और गोलीबारी केवल आत्मरक्षा में की.’
राजू पाल हत्याकांड
जनवरी 2005 में राजू पाल की हत्या इलाहाबाद (पश्चिम) विधानसभा सीट से अपने पहले चुनाव में पूर्व सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को हराकर जीतने के कुछ ही महीनों बाद कर दी गई थी। राजू पाल हत्याकांड में अतीक और पूर्व विधायक अशरफ मुख्य आरोपी थे. प्रयागराज के धूमनगंज निवासी राजू पाल को बसपा ने वर्ष 2004 में शहर पश्चिमी विधानसभा से टिकट दिया था. इस सीट पर अतीक अहमद का छोटा भाई अशरफ सपा के टिकट से मैदान में था. अतीक उस वक्त सपा से फूलपुर का सांसद था. विधानसभा चुनाव में राजू पाल ने अशरफ को हरा दिया था, जो बात अतीक परिवार को नागवार गुजरी थी. जनवरी 2005 में राजू पाल ने पूजा पाल से शादी की और 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल थे, जिनकी पिछले साल फरवरी में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई.