ट्रैक्टर तिरंगा सद्भावना यात्रा की तैयारी, MSP गारंटी कानून सहित इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

लखनऊ: भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर किसानों की समस्याओं को लेकर हुंकार भरने की तैयारी कर ली है. ¸ के आह्वान पर किसान ट्रैक्टर तिरंगा सद्भावना यात्रा से भाकियू इस बार फिर आर पार की लड़ाई के मूड में हैं. भाकियू ने साफ कर दिया है कि सरकार से इस बार पूरा हिसाब किताब होगा. सरकार दावे तो खूब कर रही है लेकिन किसानों के लिए धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है और किसान मुश्किल के दौर से गुजर रहा है.

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले नौ अगस्त को किसान ट्रैक्टरों का काफिला लेकर जिला मुख्यालयों पर कूच करेंगे. इसके बाद किसान जिला मुख्यालयों पर ही धरना देकर बैठ जाएंगे. यहां किसान अपनी समस्याओं को लेकर हुंकार भरेंगे और ज्ञापन भी सौंपेंगे. भाकियू ने नई और पुरानी दोनों मांगों को इस किसान ट्रैक्टर तिरंगा सद्भावना यात्रा में शामिल करने का फैसला किया है. इसको लेकर तैयारी जोरों शोरों से की जा रही है और किसानों से आह्वान किया जा रहा है कि बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर इस ट्रैक्टर मार्च में शामिल हो.

पश्चिमी यूपी में दिखेगा तिरंगा यात्रा का बड़ा असर

किसान ट्रैक्टर तिरंगा सद्भावना यात्रा में किसानों के कई बड़े मुद्दे शामिल किए गए हैं. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के साथ किए गए आंदोलन की पुरानी मांगे भी शामिल हैं. एमएसपी गारंटी कानून, बिजली बिल विधेयक, सी टू प्लस 50 स्वामीनाथन रिपोर्ट, किसान आंदोलन में 750 किसानों की शहादत और परिवार को आर्थिक मदद और लखीमपुर खीरी के आरोपियों को कड़ी सजा शामिल है. इसी के साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों की बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा, खसरा खतौनी के अंश गलत होने का मामला, बकाया गन्ना भुगतान, आवारा पशुओं की परेशानी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर सहित कई जिलों में जंगली जानवरों से जनहानि पर उचित कदम उठाए जाने सहित कई मुद्दे शामिल रहेंगे.

किसान ट्रैक्टर तिरंगा सद्भावना यात्रा के नौ अगस्त को होने वाले इस आंदोलन का पश्चिमी यूपी में बड़ा असर दिखने को मिलेगा. मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, हापुड, बुलंदशहर सहित कई जिलों में इस यात्रा का बड़ा असर रहेगा. किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर जब सड़कों पर निकलेंगे और जिला मुख्यालयों तक जाएंगे तो इसकी वजह से यातायात व्यवस्था भी चरमरा सकती है. शहर के भीतरी इलाकों में पड़ने वाले जिला मुख्यालयों के आसपास के इलाकों में जाम भी लग सकता है.

मेरठ में कमिश्नरी पर घेराव करेगी भाकियू

संयुत्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सभी जिलों में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होगा, लेकिन मेरठ में किसान कमिश्नरी घेरेंगे. भाकियू के मेरठ जिला अध्यक्ष अनुराग तोमर का कहना है कि हमने तो कुछ दिन पहले भी ज्ञापन दिया था और किसानों की समस्याओं से अवगत भी कराया था, लेकिन अनसुना कर दिया गया. किसान कमजोर नहीं है और अब नौ अगस्त को किसान अपनी ताकत दिखाकर अपने हक के लिए सड़कों पर उतरेगा.

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों के पास आंदोलन ही तो सबसे बड़ा हथियार है. सरकारें तानाशाही कर रही हैं. किसानों को उनका हक नहीं दिया जा रहा है.आश्वासन और सिर्फ आश्वासन मिल रहा है इसके बाद ही ये बड़ा फैसला लिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके सरकार को चेताएंगे और बात नहीं बनी तो फिर रास्ते बहुत हैं और ट्रैक्टर किसी भी रास्ते पर चल देंगे. अब खामोश बैठने का वक्त चला गया है अब किसानों के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है.