लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान में छह करोड़ 69 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। यह दवा फाइलेरिया से बचाव के साथ-साथ पेट से कीड़े निकालने और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक साबित होती है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, पंचायती राज और महिला कल्याण विभाग से भी सहयोग लिया जा रहा है।
दो सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि संक्रमित मच्छर के काटने से किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो शारीरिक विकलांगता भी आ सकती है। स्वास्थ्य प्रणाली के पास फाइलेरिया रोग की रोकथाम, प्रबंधन और उन्मूलन के लिए सारे समाधान उपलब्ध हैं। इन समाधानों से न केवल फाइलेरिया रोगी लाभान्वित हो रहे हैं बल्कि ऐसे लोगों को भी फायदा हो रहा है जिनके शरीर में फ़ाइलेरिया परजीवी मौजूद हैं और जिन्हें इसके संक्रमण का जोखिम है।
इन जिलों में खिलाई जाएगी दवा
यह अभियान प्रदेश के 27 फाइलेरिया प्रभावित जिलों में चलाया जाएगा। ये जिले हैं औरेया, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, चन्दौली, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कौशाम्बी, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मीरजापुर, रायबरेली, महाराजगंज, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर एवं सीतापुर। प्रमुख सचिव ने अपील की कि यदि आप इनमें से किसी भी जिले में रह रहे हैं तो अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करें। क्षेत्र की आशा से संपर्क करें या निकटतम बूथ पर जाएँ और फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें जिससे आप खुद को, परिवार को, आस-पड़ोस, समुदाय, गाँव, कस्बे, शहर और प्रदेश के हर व्यक्ति को सुरक्षित रख सकें। समुदाय की भागेदारी से ही प्रदेश से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है। हाथीपांव, हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन हैं तो ये फाइलेरिया के लक्षण हो सकते हैं।
संयुक्त निदेशक वेक्टर बोर्न डीजीज एवं राज्य के नोडल अधिकारी डा. ए.के. चौधरी ने बताया कि यूपी में इस बार 6.69 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य साधने के लिए 1,23, 024 स्वास्थ्यकर्मी और 12,302 पर्यवेक्षक लगाए गए हैं। इस बार अभियान मे 340 ब्लॉको मे टीमें घर-घर जाकर दवा सेवन कराएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा। अभियान के दौरान सभी को फाइलेरिया रोधी दवा की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यककर्मी बूथ व घर-घर जाकर अपने सामने खिलाएंगे। ध्यान रहे कि यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। इस दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को करना है। एक वर्ष से दो वर्ष तक के बच्चों को केवल अल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 मिलीग्राम) खिलाई जाएगी। दवा सेवन के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भी संपर्क कर सकते हैं।
फाइलेरिया से बचाव के उपाय
- गंदगी और मच्छर से दूर रहें और पूरी बांह के कपड़े पहनें।
- मच्छरदानी का उपयोग दिन में भी करें।
- दवा खुद खाएं, परिवार में सभी को खिलाएं, पड़ोस के लोगो को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
- विकलांगता से खुद बचें, परिवार-गांव एवं मोहल्ले को भी बचाएं।