उन्नाव हादसा: अखिलेश ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल, प्रियंका ने भी…

लखनऊ: उन्नाव जिले में एक्सप्रेसवे पर 18 यात्रियों की मौत और 23 के घायल होने की घटना को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्सप्रेसवे पर हुई घटना को दुखद बताया। उन्होंने मृतकों के परिवार को संवेदना और घायलों के स्वस्थ लाभ के कामना की बात कही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्नाव में हुई सड़क दुर्घटना पीड़ादायक है। इसमें जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान और घायलों को शीघ्र स्वस्थ लाभ प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

प्रियंका और सांसद साक्षी महाराज ने व्यक्त की संवेदनाएं

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी घटना में दुख व्यक्त करते हुए ईश्वर से आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। सांसद साक्षी महाराज ने भी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर हर संभव मदद के निर्देश दिए हैं। जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से जिलाध्यक्ष भाजपा अवधेश कटियार, विधायक सदर पंकज गुप्ता, विधायक बांगरमऊ श्रीकांत कटियार आदि ने मिलकर हालचाल जाना। वहीं शवों का जल्द पोस्टमार्टम कराकर परिवारों तक पार्थिव शरीर पहुंचाने के लिए निर्देशित किया।

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि एक्सप्रेसवे पर विशेष पार्किंग जोन की व्यवस्था है। उसके बाद भी वाहन बीच रास्ते में कैसे खड़ा था। सीसीटीवी होने के बाद वाहन की निगरानी में चूक कैसे हुई। क्या कैमरे काम नहीं कर रहे थे। हाईवे पुलिस कहां थी। नियमित पेट्रोलिंग भी हो रही कि नहीं। हादसे के बाद हाईवे एंबुलेंस सर्विस कितनी देर में पहुंची और हताहतों के संबंध में उसकी भूमिका क्या रही। गाड़ी खराब होने के कारण खड़ी थी, तो उसे टोइंग सहायता क्यों नहीं पहुंची। आरोप लगाया कि एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन करोड़ों रुपये लिए जाते हैं। वह पैसा एक्सप्रेसवे के व्यवस्थापन और प्रबंधन में न लगकर क्या कहीं और जा रहा है।