लखनऊ: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए भाषण में शामिल एक शब्द को लेकर विपक्ष काफी बिफरा हुआ है। यूनिफार्म सिविल कोड का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘कम्युनल’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे लेकर विपक्ष की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया की जा रही है। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने इस शब्द पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपने अधिकृत एक्स अकाउंट पर लिखा है।
बसपा सुप्रीमो ने लिखा- पीएम ने 15 अगस्त को लाल क़िले से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ‘कम्युनल’ कहा है, क्या ये उचित है? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे, यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म है।
2. इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवासौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?
— Mayawati (@Mayawati) August 16, 2024
मायावती ने उठाए सवाल
मायावती ने आगे लिखा- इतना ही नहीं, बल्कि पीएम देश की अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवा सौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाए। बीएसपी सुप्रीमो ने सवाल किया कि लोगों के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे?