उत्तरकाशी: दीपावली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 मजदूरों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। रेस्क्यू का सोमवार को नौवां दिन है। बैकअप प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क का काम अंतिम चरण में है।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। इस ऑपरेशन के तहत पांच प्लान पर कार्य करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के उच्चाधिकारी सिलक्यारा में ही डेरा डाले हुए हैं। इन तमाम उच्चाधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ सुरंग के भीतर से लेकर इसके ऊपर की पहाड़ी तक दिनभर अनेक बार निरीक्षण कर ड्रिलिंग मशीनों के लिए प्लेटफार्म तैयार करने की कार्रवाई का जायजा लिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
इन अधिकारियों ने जमाया हुआ है डेरा
बता दें कि इस अभियान को लेकर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे और उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रूहेला सिलक्यारा में डेरा डाले हुए हैं। सुरंग के अंदर ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन से बचाने के लिए कंक्रीट ब्लॉक से ढका जा रहा है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि एक बार ड्रिलिंग मशीन की सुरक्षा पुख्ता कर ली जाएगी तो पाइप डालने का काम दोबारा शुरू हो जाएगा।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया है और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। मेडिकल की टीम भी वहां पर तैनात कर दी गई है, सभी को ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार सीएम धामी से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी और लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए है और समन्वय का कार्य कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा- श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत
प्रधानमंत्री मोदी ने आज भी मुख्यमंत्री धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है।