वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन समागार में आयोजित सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया और सभी को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी में जो कुछ भी हो रहा है, हम सब उसके निमित्त मात्र हैं। यहां करने वाले केवल महादेव और उनके गण हैं। उन्होंने भोजपुरी में कहा, ‘जहां महादेव क कृपा हो जाला उ धरती अइसे ही समृद्ध हो जाला।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय महादेव खूब प्रसन्न हैं, इसलिए महादेव के आशीष के साथ 10 साल में काशी में चारों ओर विकास का डमरू बजा है। उन्होंने बताया कि आज एक बार फिर काशी के लिए करोड़ों रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास होने जा रहा है। शिवरात्रि और रंगभरी एकादशी से पहले काशी में आज विकास का उत्सव मनने जा रहा है।
संस्कृत की भूमिका पर डाला प्रकाश
पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख अभिव्यक्ति। भारत एक यात्रा है तो संस्कृत उस इतिहास यात्रा का प्रमुख अध्याय है। भारत विविधता में एकता की भूमि है तो संस्कृत उसका प्रमुख उर्वरक है। हमारे यहां कहा गया है कि ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’, अर्थात भारत की प्रतिष्ठा में संस्कृत की बड़ी भूमिका है। एक समय हमारे देश में संस्कृत ही वैज्ञानिक शोध, शास्त्रीय बोध, गणित और चिकित्साविज्ञान की भाषा होती थी। साथ ही संगीत और साहित्य के विविध कलाओं की विधाएं भी संस्कृत से ही पैदा हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इन्हीं विधाओं से भारत को पहचान मिली है। जिन वेदों का पाठ काशी में होता है वही वेद पाठ कांची (तमिलनाडु) में भी सुनाई देता है। ये वेद ही भारत का शाश्वत स्वर हैं, जिन्होंने हजारों वर्ष से भारत को राष्ट्र के रूप में एक बनाए रखा है।
युवा ले जाएंगे देश को नई ऊंचाइयों पर
प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना के इस प्रांगण में सभी विद्वानों खासकर युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है। काशी समय से भी प्राचीन कही जाती है। इसकी पहचान को हमारी आधुनिक युवा पीढ़ी इतनी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है, ये दृश्य हृदय में संतोष भर देता है और ये विश्वास दिलाता है कि अमृत काल में आप सब देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद ज्ञान प्रतियोगिता और सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देने का अवसर मिला। उन्होंने सभी विजेताओं को उनके परिश्रम और प्रतिभा के लिए बधाई दी। साथ ही सफलता से कुछ कदम दूर रहे गए प्रतिभागियों का भी हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने इस आयोजन के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद और सभी विद्वानों का आदरपूर्वक धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि काशी के सांसद के रूप में मेरे विजन को साकार करने में आप सभी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
बनारस में बही विकास की गंगा
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में काशी में विकास की गंगा बही है। आज यहां इसपर दो बुकलेट भी विमोचित की गई है। इसमें यहां हुए विकास के हर पड़ाव और संस्कृति का वर्णन किया गया है। इसके अलावा जितनी भी सांसद प्रतियोगिताएं काशी में आयोजित की गई हैं, उनपर भी छोटी- छोटी पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय, काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, रवींद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।